ए दर्द अब मान भी जा , तेरा मेरा साथ हो चला है पुराना अब ,
तू रक़ीब बन के आया था ......दोस्त बन चूका है अब ,
आ के तेरा दर्द मैं बाँट लूं मेरी ख़ुशी में तू मुस्कुरा ले ,
दोस्त मान ले मेरा कहा ......मुझसी वफ़ा न मिलेगी तुझे ,
ए दर्द अब मान भी जा ...............या
तू भी दोस्ती की कहानी दोहराएगा .........अपना बनाने पर दगा दे जायेगा ...........
तू रक़ीब बन के आया था ......दोस्त बन चूका है अब ,
आ के तेरा दर्द मैं बाँट लूं मेरी ख़ुशी में तू मुस्कुरा ले ,
दोस्त मान ले मेरा कहा ......मुझसी वफ़ा न मिलेगी तुझे ,
ए दर्द अब मान भी जा ...............या
तू भी दोस्ती की कहानी दोहराएगा .........अपना बनाने पर दगा दे जायेगा ...........
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