Saturday, November 12, 2016

आखिर वो मेरा क्या लगता है |

आखिर वो मेरा क्या लगता है ,



वो शख्स कितना अपना सा लगता है , आखिर वो मेरा क्या लगता है ,

न जाने कैसे मेरी आँखें पढ़ लेता है , हद ये है आँखों से कह भी देता है ।

वो शख्स कितना अपना सा लगता है , आखिर वो मेरा क्या लगता है ,

मेरी मुस्कराहट उसकी ख़ुशी बन जाती है और उसकी हंसी मेरा गहना ।

वो शख्स कितना अपना सा लगता है , आखिर वो मेरा क्या लगता है ,

जब भी वो मुक़ाबिल होता है साया भी मेरा महफूज़ होता है ।

वो शख्स कितना अपना सा लगता है , आखिर वो मेरा क्या लगता है ,

धुप से बचने को जब दुपटे से चेहरा ढकती  हूँ , आगे का सफर उसकी आँखों से तय करती हूँ ।

वो शख्स कितना अपना सा लगता है , आखिर वो मेरा क्या लगता है । 

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