मेरे पास पंख नहीं है
मगर मुझे उड़ना है ,
मेरे पास नींद नहीं है
पर मेरे पास सपना है
मेरे पास भीड़ नहीं है
लेकिन मेरे पास अपना है
मेरे पैरों में अल्पना में नहीं है
किन्तु मेरे पास कल्पना है
मेरे माथे पर जीत का ताज नहीं
न सही मेरे दिल में उमंगों की खान है
मेरे पाँव किसी दौड़ का हिस्सा नहीं
क्या हुआ ? मेरे कदमो की खुद इक राह है
मेरे वक़्त ने दी है मुझको कुछ मजबूरियां
अच्छा हुआ , हुई अपनों से पहचान है |
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