Sakhi
Jab ehsaas shab ban jayein .....
Saturday, November 12, 2016
ए समंदर तू किस गुरुर में शोर मचाता है
ए समंदर तू किस गुरुर में शोर मचाता है
तुझसे कई मेरी पलकों की दहलीज़ पर खामोश बहते हैं ,
एक और किस्मत की करामात देख मेरे समंदर के साहिल रेगिस्तान हैं. ........
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