Sunday, October 31, 2010

Phoolon sa bachpan

फूलों सा बचपन मिला , निश्चल उमंगें मिली और ..........ज़िन्दगी चलती रही ,
वक़्त से चुनौतिया मिली ,विश्वास को दरार मिली , भाव को घाव मिले और ......ज़िन्दगी चलती रही ,
स्नेह का सेतु मिला , यकीन को आसमा मिला , सपनो को ज़मीन और ..........ज़िन्दगी चलत i रही ,
आंसू को सीप मिली , दर्द को तस्कीन मिली , खावाहिशो को खुमार मिला और ...ज़िन्दगी चलती रही ....

1 comment:

  1. zindgi ko chalna hai ..waqt se bandhi hai zindgi ... aur zindgi chalti rahi .. rahegi .. kisi ke liye nahi rukti...

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